अरुणाचल में सीमा पार बुनियादी ढांचा निर्माण में जुटा चीन : भारतीय सेना
गुवाहाटी, 16 मई (आईएएनएस)। पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने सोमवार को कहा कि चीन अरुणाचल प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने में लगा हुआ है।
यह स्वीकार करते हुए कि दुर्गम इलाके और खराब मौसम इस सीमावर्ती मोर्चे में बड़ी चुनौतियां हैं, कलिता ने कहा कि बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है, सड़कों का निर्माण किया जा रहा है और अरुणाचल प्रदेश में भारतीय क्षेत्र में पुराने उन्नत लैंडिंग ग्राउंड को पुनर्जीवित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सीमा पर उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपने बुनियादी ढांचे और क्षमताओं को लगातार उन्नत कर रहा है।
कलिता ने मीडिया को बताया, तिब्बत क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार बहुत सारे बुनियादी ढांचों का उन्नयन चल रहा है। दूसरा पक्ष लगातार अपनी सड़क, रेल और हवाई संपर्क के साथ-साथ 5जी मोबाइल नेटवर्क विकसित कर रहा है, ताकि प्रतिक्रिया देने के लिए अपनी स्थिति में सुधार किया जा सके।
उन्होंने कहा कि चीनी अधिकारियों ने एलएसी के करीब सीमावर्ती गांवों का निर्माण किया है और संभावना है कि इनका इस्तेमाल दोहरे उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना उच्च स्तर की परिचालन तैयारियों के साथ तैयार है।
कलिता ने कहा, सीमावर्ती गांवों का इस्तेमाल नागरिकों के साथ-साथ अग्रिम इलाकों में सैनिकों को जुटाने के लिए भी किया जा सकता है।
पूर्वी सेना के कमांडर ने आगे कहा, हम हमेशा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। वास्तविक सीमा रेखा का सटीक रूप से सीमांकन नहीं किया गया है, विशेष रूप से मैकमोहन रेखा के साथ, भारत और चीन के बीच सीमा की अलग-अलग धारणाएं पैदा कर रहा है, जिस पर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं है।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा पर जब भी कोई घुसपैठ होती है और जो कुछ भी रिपोर्ट किया जाता है, वह केवल धारणा के कारण होता है, भले ही 1962 के युद्ध के बाद से घुसपैठ का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया हो।
कलिता ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि सीमा के ठीक से सीमांकन के बाद सीमा पर कोई समस्या नहीं होगी।
उन्होंने कहा, पूर्वी सीमा की सीमा में विभिन्न चुनौतियां हैं। भारतीय सेना ने अनुकरणीय व्यावसायिकता और बहादुरी का प्रदर्शन किया है। यह पिछले एक साल के दौरान बेहद घटनापूर्ण था और हमने सभी चुनौतियों का सामना किया है। हम भविष्य में भी सभी चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
हमारे पास मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुरूप तनाव को कम करने और एलएसी के साथ शांति की दिशा में काम करने के लिए मजबूत तंत्र हैं।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम