एआईसीटीई के दायरे में बीसीए और बीबीए जैसे अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम

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नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक कंप्यूटर और मैनेजमेंट से जुड़े अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम जैसे की कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए), बीबीए व बीएमएस को एआईसीटीई के दायरे में लाया गया है।

दरअसल, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने अगले तीन वर्षों के लिए एक नई अप्रूवल प्रक्रिया बनाई है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों और टेक्निकल व शैक्षणिक संस्थाओं को एआईसीटीई की मान्यता व अप्रूवल मिलेगा। यह नियम वर्ष 2024 से 2027 तक के लिए हैं।

एआईसीटीई के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के अप्रूवल को तीन वर्ष तक बढ़ाने का प्रावधान किया है। इसके साथ ही अच्छा प्रदर्शन करने वाले मौजूदा संस्थानों द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों के प्रवेश की ऊपरी सीमा में छूट दी गई है। हालांकि, संस्थानों को छात्रों को प्रवेश देने से पहले गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे और योग्य फैकेल्टी के बारे में बताना होगा।

एआईसीटीई का कहना है कि संबद्ध विश्वविद्यालय या राज्य सरकार से भूमि दस्तावेजों और एनओसी की आवश्यकता से संबंधित अनुपालन में कटौती की गई है। संबद्ध विश्वविद्यालयों के अधिकार क्षेत्र के भीतर अच्छा प्रदर्शन करने वाले मौजूदा संस्थानों के लिए ऑफ-कैंपस प्रावधान की शुरुआत की गई है। कार्यरत पेशेवरों के लिए समय का कोई बंधन नहीं रखा गया है।

इस प्रणाली के माध्यम से डिप्लोमा, डिग्री, स्नातकोत्तर स्तर पर अपनी शैक्षणिक योग्यता व कौशल को उन्नत करने का प्रावधान किया गया है। एआईसीटीई के मुताबिक ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) या ऑनलाइन लर्निंग (ओएल) के लिए अनुमोदन प्रक्रिया पर अधिक स्पष्टता होगी।

एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित संस्थानों व विश्वविद्यालयों के लिए लागू मानदंडों और आवश्यकताओं के उल्लंघन के लिए संशोधित दंडात्मक कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं। इंडोवेशन कार्यक्रम के माध्यम से और अपने परिसरों में इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) की स्थापना करके नवाचार पर अत्यधिक जोर दिया गया है।

बीसीए और बीबीए व बीएमएस पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले संस्थानों के लिए एआईसीटीई के अनुमोदन का नया प्रावधान है। यह आदर्श पाठ्यक्रम के माध्यम से बेहतर गुणवत्ता, प्रगति, सक्षम, स्वनाथ आदि जैसी छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए पात्रता, अटल अकादमी, गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम, अनुसंधान संवर्धन के माध्यम से एफडीपी में संकाय भागीदारी को सक्षम करेगा।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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