एनआईए ने यासीन मलिक को मौत की सजा देने का किया अनुरोध
नई दिल्ली, 25 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की, जिसे कुछ दिन पहले एक आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में दोषी ठहराया गया है।
इससे पहले मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया।
अदालत के सूत्रों के अनुसार, विशेष न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के दौरान, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मलिक को मौत की सजा के लिए तर्क दिया।
लंच ब्रेक के लिए रुकी हुई सुनवाई दोपहर 3.30 बजे फिर से शुरू होगी।
19 मई को हुई सुनवाई में विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने मलिक के खिलाफ लगाए गए अपराधों के लिए सजा के संबंध में दलीलों को सुनने के लिए मामले को 25 मई की तारीख तय की थी।
अदालत ने बुधवार की सुनवाई से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों को टेरर फंडिंग मामले में उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने का भी निर्देश दिया था।
अभियुक्त को अधिकतम मृत्युदंड की सजा का सामना करना पड़ सकता है, जबकि न्यूनतम सजा उन मामलों में आजीवन कारावास हो सकती है, जिनमें वह शामिल है।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में यासीन ने अपने वकील को वापस ले लिया था। उसने पहले ही अपना अपराध स्वीकार कर लिया था, और अब सुनवाई के दौरान कुछ भी कहने के लिए नहीं बचा था।
यासीन मलिक पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और कश्मीर में शांति को भंग करने, टेरर फंडिंग में शामिल होने के आरोप है।
उसने इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था। सुनवाई की आखिरी तारीख को उसने अदालत को बताया कि वह धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) के तहत अपराधी है।
वर्तमान मामला विभिन्न आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिज्बुल-मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) से संबंधित है। इसने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को बिगाड़ने के लिए आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम दिया।
–आईएएनएस
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