जगन्नाथ पुरी: जहाँ साक्षात भगवान बसते हैं

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जगन्नाथ पुरी: जहाँ साक्षात भगवान बसते हैं
Jagannath Puri: Where God resides

जगन्नाथ पुरी का इतिहास
जगन्नाथ पुरी पुराने समय में पूर्वी और दक्षिणी भारत को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण स्थल था|

पुरी में गोवर्धन मठ है
आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किए हुए चार मठों में से एक है | बाकी चार शृंगेरी, द्वारका और ज्योतिर्मठ या जोशीमठ में हैं

संस्कृति
पुरी को ओडिशा की सांस्कृतिक राजधानी भी कहते हैं,पुराने हिन्दुस्तान और पारंपरिक हिंदू धर्म की सांस्कृतिक धरोहर दिखती है

जगन्नाथ पुरी
हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थस्थल पुरी को जगन्नाथ पुरी (ब्रह्मांड के भगवान) के रूप में भी जाना जाता है|

सुदर्शन चक्र
आप जिस भी दिशा से देखते हैं, चक्र उसी रूप में वापस दिखता है। ऐसा लगता है जैसे इसे हर दिशा से एक जैसा दिखने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

भगवान से ऊपर कुछ भी नहीं है
इसलिए उससे ऊपर भी कुछ नहीं उड़ता, मंदिर के गुंबद के ऊपर एक भी पक्षी का सामना नहीं होता

रथयात्रा
थ यात्रा में अलग-अलग तीन रथों पर सवार भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा को पुरी की सड़कों से गुंडिचा मंदिर तक भक्तों द्वारा खींचा जाता है.

जगन्नाथ धाम
जगन्नाथ धाम को धरती पर वैकुंठ भी कहा गया है. जगन्नाथ धाम में भगवान श्रीकृष्ण, उनकी बहन सुभद्रा और उनके बड़े भाई बलराम की मूर्ति की पूजा यहां की जाती है

जगन्नाथजी के रूप में पूजा
800 साल पुराने इस मंदिर में भगवान कृष्ण को जगत के नाथ जगन्नाथजी के रूप में पूजा जाता है

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