हरित-पर्यावरण अनुकूल भवनों के लिए 1 लाख आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग छात्रों को ट्रेनिंग
नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और भारतीय हरित भवन परिषद (आईजीबीसी) हरित अवधारणाओं पर 1 लाख से अधिक छात्रों को प्रशिक्षण देने जा रहे हैं। इसका लक्ष्य वर्ष 2025 तक भारतीय आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग छात्रों को हरित एवं पर्यावरण अनुकूल भवन के लिए प्रशिक्षित करना है। साथ ही इससे प्रशिक्षित पेशेवरों का सबसे बड़ा पूल बनाने में भी मदद मिलेगी। इस योजना को साकार करने के लिए दोनों संगठन प्रशिक्षण के लिए सहमत हुए हैं।
एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी सहस्रबुद्धे का कहना है कि इस नई योजना से ग्रीन कॉन्सेप्ट पर 1 लाख से अधिक आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग के छात्र उद्योग के लिए तैयार पेशेवर बनेंगे। यह देश में पहली बार है कि इस तरह का समझौता किया गया हैं जो हरित शिक्षा प्रदान करने पर केंद्रित है। जलवायु परिवर्तन और 2070 तक नेट जीरो कार्बन बनने की भारत की प्रतिबद्धता के संदर्भ में, शिक्षकों और छात्रों को नवीनतम हरित अवधारणाओं पर प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।
एआईसीटीई ने भारत भर में अपने सभी संबद्ध संस्थानों में हरित शिक्षा कार्यक्रम को ले जाने की योजना बनाई है, । एआईसीटीई के उपाध्यक्ष प्रोफेसर एम. पी. पूनिया ने बताया कि हरित शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को हमारे पर्यावरण और प्रकृति के तत्वों – पृथ्वी, जल, वायु, अंतरिक्ष और जैव विविधता की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण अवधारणाओं के बारे में महतिवपूर्ण जानकारी मिलेगी। आईजीबीसी को एआईसीटीई की स्मार्ट कैंपस अवार्ड की पहल के साथ भागीदार के रूप में आमंत्रित किया गया है।
आईजीबीसी के अध्यक्ष गुरमीत सिंह अरोड़ा ने कहा कि भारत में हरित भवन आंदोलन ने हरे भवनों के डिजाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए प्रशिक्षित पेशेवरों की भारी मांग पैदा कर दी है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, आईजीबीसी ने हरित भवनों के क्षेत्र में कॉलेज के छात्रों को तैयार करने और उन्हें तकनीक से लैस करने के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ काम करने की परिकल्पना की है।
उनका कहना है कि यह पहल एक उपयुक्त समय पर आई है क्योंकि महामारी के बाद संपूर्ण शैक्षिक ढांचा बड़े पैमाने पर बदलाव से गुजर रहा है। शिक्षा बिरादरी इस सहयोग का बेसब्री से इंतजार कर रही है, क्योंकि यह विशेष रूप से क्यूरेटेड फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम्स के माध्यम से फैकल्टी के लिए क्षमता निर्माण और सूचनाओं को साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली नवीनतम अवधारणाओं पर पाठ्यक्रम डिजाइन करने और विकसित करने में शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा 2001 में गठित इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल देश में हरित भवन आंदोलन का नेतृत्व कर रही है। ग्रीन बिल्डिंग फुटप्रिंट के मामले में आज भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। आज तक, 8.18 बिलियन वर्गफुट के बराबर 7558 परियोजनाएं हैं, जिन्होंने विभिन्न आईजीबीसी ग्रीन और नेट जीरो बिल्डिंग रेटिंग को अपनाया है। आईजीबीसी वल्र्ड ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल का संस्थापक सदस्य भी है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एमएसए