10 फीसदी इथेनॉल मिश्रण से 41 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की हुई बचत: पीएम मोदी (लीड)

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नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मे रविवार को कहा कि भारत ने तय समय से पांच महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया। इससे देश में करीब 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ और भारत को 41,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी मुद्रा बचत हुई। यही नहीं, पिछले आठ सालों में किसानों को 40,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की आय हुई।

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में इथेनॉल मिश्रण सिर्फ 1.5 प्रतिशत था।

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के विज्ञान भवन में मिट्टी बचाओ आंदोलन पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि मिट्टी को बचाने के लिए सरकार पांच मुख्य बातों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पहला- मिट्टी को रासायनिक मुक्त कैसे बनाया जाए। दूसरा- मिट्टी में रहने वाले जीवों को कैसे बचाया जाए। तीसरा- मिट्टी की नमी कैसे बनाए रखें और पानी की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। चौथा- कम भूजल से मिट्टी को हो रहे नुकसान को कैसे दूर किया जाए। पांचवां- जंगलों के कम होने से मिट्टी के लगातार हो रहे कटाव को कैसे रोका जाए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पहले देश के किसानों को मिट्टी के प्रकार, मिट्टी की कमी, पानी कितना है आदि की जानकारी का अभाव था। इस समस्या को दूर करने के लिए किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड देने का अभियान चलाया गया।

मोदी ने कहा, मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सरकार कृषि क्षेत्र में मुख्य प्रयास कर रही हैं। जल संरक्षण से लोगों को जोड़ रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा, इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है। इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है। अनुमान है कि इससे भारत के फॉरेस्ट कवर में 7400 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा की बढोत्तरी होगी। बीते आठ सालों में भारत ने अपना जो फोरेस्ट कवर 20 हजार किलोमीटर से ज्यादा बढ़ाया है, उसमें ये और मदद करेगा।

मोदी ने कहा कि भारत आज बायोडायवर्सिटी और वाइल्ड लाइफ से जुड़ी जिन नीतियों का पालन कर रहा है, उसने वन्य जीवों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। आज चाहे चीता हो, शेर हो, तेंदुआ हो या फिर हाथी, सभी की संख्या देश में बढ़ रही है।

प्राकृतिक खेती की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में सरकार ने गंगा के किनारे बसे गांवों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, हम प्राकृतिक खेती का एक बड़ा कॉरिडोर बनाएंगे। इससे हमारे खेत रसायन मुक्त होंगे, साथ ही नमामि गंगे अभियान को नई ताकत भी मिलेगी।

–आईएएनएस

पीके/एमएसए

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