Nainital की कड़क डीएम के आगे छूटे दलाल प्रॉपर्टी डीलरो के पसीने! अब देखने लगे डीएम को हटाने के सपने…इनसे किया संपर्क

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सीएम पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की सरकार चलाने का दम हर सार्वजनिक मंच से भर रहे हैं। धामी ने अपने इस मंत्र को जमीन पर उतारने के लिए हाल ही में कुछ जिलों के डीएम के स्तर पर कुछ बड़े बदलाव किए हैं। जिसमें कुमाऊं में सबसे बड़ा बदलाव हुआ नैनीताल जिले में। जहां की कमान सौंपी गई है तेजतर्रार लेडी आईएएस वंदना सिंह को।

जिनके जिलाधिकारी बनते ही नैनीताल में ढीली पड़ी सरकारी मशीनरी एकदम चुस्त दुरुस्त नजर आ रही है। आम जनता के काम भी तेजी से हो रहे हैं। लेकिन नए डीएम की दस्तक से प्रॉपर्टी डीलर खौफजदा हैं। जो किसानों और भोले-भाले लोगों को अपने चंगुल में फंसाकर सौ का दो सौ बनाने के खेल में लगे हुए थे। गलत तरीके से प्लॉटिंग कर रहे थे।

हल्द्वानी और उसके आस-पास कृषि भूमि में प्लॉटिंग का सिलसिला वैसे तो सालों से जारी है। लेकिन हाईकोर्ट को नैनीताल से गौलापार में शिफ्ट करने के फैसले के बाद इस खेल में बड़ा ब्रेक लगा है। नई डीएम ने कमान संभालते ही सबसे पहले रेरा और प्राधिकरण के नियमों को सख्ती से लागू करने का फरमान सुना दिया।

इस सबसे जमीनों के खरीद फरोख्त की दलाली में शामिल बीजेपी, कांग्रेस और उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया। क्योंकि ये सभी प्रॉपर्टी के काले कारोबार से पैसा कमाकर ही लंबे समय से अपनी राजनीति चमका रहे हैं। लेकिन डीएम वंदना सिंह ने रस्जिस्ट्री के नियम सख्त क्या किए जैसे उन्होंने सांप की पूंछ में पांव रख दिया।

इन प्रॉपर्टी डीलरो में ऐसा हड़कंप मच गया कि ये खुद को ही किसान बताने लगे। यही नहीं शनिवार को तो ये प्रॉपर्टी डीलर बकायदा किराए के ट्रैक्टर लेकर हल्द्वानी शहर में विरोध प्रदर्शन करने भी पहुंच गए। कुछ कांग्रेस के नेता भी इनके समर्थन को पहुंचे। जबकि भाजपा के प्रॉपर्टी डीलर पूरे प्रदर्शन को परदे के पीछे से समर्थन देते दिखे।

लेकिन सभी की जुबान में एक ही चीज है इस डीएम को हटाना पड़ेगा। नहीं तो उनके पेट में लात पड़ना तय है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के कुछ बड़े प्रॉपर्टी डीलर नेता तो बकायदा इसके लिए लॉबिंग भी करने लगे हैं।

और इस मिशन में शहर में कुछ खास लोगों को लगाया गया है जो खुद को सीएम धामी का खास मानते हैं और जो खुद भी डीएम के ईमानदारी से काम करने के तौर तरीकों को पसंद नहीं कर रहे। प्रॉपर्टी डीलर्स को उम्मीद है कि डीएम के खिलाफ यही सीएम सीएम के कान भर सकते हैं। जिससे उनके काम आसानी से हो सकें। लेकिन फिलहाल ये काम इतना आसान नहीं लग रहा।

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