Uttarakhand : विधानसभा से बर्खास्त 228 कर्मचारियों को झटका : सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
उत्तराखंड की विधानसभा से हटाए गए 228 कर्मचारियों की बर्खास्तगी को सुप्रीम कोर्ट ने सही करार दिया है। इन कर्मचारियों द्वारा दायर की गई विशेष याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सही ठहराया है।
इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने भी विधानसभा कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने के फैसले को सही ठहराया था, जिसके बाद बर्खास्त कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका (एसएलपी) दाखिल की थी।
“मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर लिए गए मेरे फैसले को सही ठहराया। “#विधानसभा_अध्यक्ष #उत्तराखंड pic.twitter.com/LWMt4MyzxE
— Ritu Khanduri Bhushan (@RituKhanduriBJP) May 19, 2023
उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय की ओर से पैरवी कर रहे वकील अमित तिवारी ने बताया कि वर्ष 2021 में विधानसभा में तदर्थ रूप से नियुक्त हुए 72 कर्मचारियों द्वारा दाखिल की गई याचिका को आज शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय की डबल बेंच
के न्यायधीश हृषिकेश रॉय और न्यायधीश मनोज मिश्रा ने सुना और याचिकाकर्ताओं की याचिका को निरस्त करते हुए उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सही ठहराया। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियों के
खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 2016 से 2021 में तदर्थ आधार पर नियुक्त 228 कर्मचारियों की विशेषज्ञ जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सेवाएं समाप्त कर दी थी। विधानसभा सचिवालय में 396 पदों पर बैक डोर नियुक्तियां 2001 से 2015
के बीच हुई है जिनको नियमित किया जा चुका है। याचिकाओं में कहा गया था कि 2014 तक तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई लेकिन उन्हें छह वर्ष के बाद भी नियमित नहीं किया और अब
उन्हें हटा दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।