जौनपुर क्षेत्र में भटोली गांव के 66 वर्षीय गोपाल सिंह ने की अनार की खेती की शुरुवाद ,युवाओं के बने प्रेरणास्रोत

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कैम्पटी/ विरेन्द्र वर्मा । यदि हौसले बुलंद हो तो एक दिन मंजिल आवश्यक कदम चूमती है वह चाहे फिर खेती , बागवानी पशुपालन हो या सरकारी नौकरी व शर्त है आप किस मुकाम तक उस कार्य को पहुंचा सकते हो। आज बात करते है ऐसे शख्सियत की जिन्होंने 66 वर्ष के उम्र में भी अनार की खेती कर एक अच्छा मुकाम हासिल किया और क्षेत्र में सभी युवाओं के प्रेरणास्रोत बने है वैसे तो जब टिहरी जिले के जौनपुर क्षेत्र की बात आती है तो यहां एक से बढ़कर एक लोग कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे है , यहां तक कि उद्यान पण्डित कुंदन सिंह पंवार भी जौनपुर क्षेत्र के ही निवासी है। जिनसे प्रेरणा लेने के बाद सैकड़ों बागवान आज घर बैठे प्रतिवर्ष लाखों रुपए भी कमा रहे हैं।इसी क्रम में आज बात करते हैं कैम्पटी फॉल के निकट ग्राम पंचायत भटोली की जहाँ 66 वर्षीय गोपाल सिंह बर्तवाल ने अनार की खेती करने का मन बनाया और 2017 में जलागम विभाग की मदद से सैकड़ों अनार के पौधे लगाये गये , जिसमें अब धीरे धीरे सभी पौधे फल देने लगे है बागवान गोपाल ने बताया कि पहली बार मैने वर्ष 2023 मसूरी में 100 से 150 प्रति किलो के हिसाब से 78 हजार के अनार बेचें है। हालांकि इस वर्ष अनार में कीड़ा लगने के कारण काफी अनार खराब भी हुवे है जिसके बावजूद फिर भी कई हजारों रुपये के अनार मसूरी में विक्रय किये है। उद्यान विभाग द्वारा पेड़ों की सुरक्षा हेतु अनुदान में जाल भी दिया गया जिसमें जल्दी से चिड़िया या बन्दर फल को नुकसान नही पहुंचा सकते है। कृषक गोपाल सिंह बांसुरी बजाने का भी बड़ा शौंक रखते है। बागवान गोपाल सिंह ने बताया कि सबसे पहले मैं जलागम विभाग की पूरी टीम की धन्यवाद देता हूँ जिनके मार्गदर्शन में आज यह बगीचा तैयार हो पाया है साथ ही बताया कि इन खेतों में फसल भी उतनी अच्छी नहीं होती थी लेकिन अनार के पौधे रोपकर मैं बहुत खुश हूँ। साथ ही बताया कि पानी की कमी, प्राकृतिक आपदाओं और बीमारियों के कारण पारंपरिक फसलों की पैदावार कम हो गई है, जिससे बचत कम हो रही है इसलिए सेब , खुमानी , अनार , पूलम आडू सहित अनेक प्रकार के फलदार पेड़ लगाकर बंजर हो रहे खेतों से फलों का उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।उन्होंने बताया की हमारे पास मसूरी , कैम्पटी फॉल जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जहां पर प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक देश व विदेश से घूमने आते है। यदि उन्हे पहाड़ों के ऑर्गेनिक व ताजे फल मिले तो अच्छा दाम देकर उन्हें अवश्य विक्रय करेंगे जिससे किसानों की अच्छी खासी आमदनी होगी।

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