नैनबाग क्षेत्र में टड़वाण गांव की समस्त ध्याणियों द्वारा नाग देवता की पालकी को किये 4 चांदी के छत्र भेंट
नैनबाग/ विरेन्द्र वर्मा । जौनपुर ब्लॉक नैनबाग क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिनाऊ के टडवाण गांव में समस्त ध्याणियों द्वारा नाग देवता की पालकी को छत्र भेंट कर घर परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की। इस कार्यक्रम के दौरान सुबह पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ के साथ समस्त ध्याणियां जौनपुरी वेशभूषा में नाग देवता की पालकी हेतु नाग देवता मंदिर कोड़ी गांव पहुंची जहां पर कोड़ी गांव के समस्त ग्रामीणों द्वारा सभी का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया।तत्पश्चात सभी ने नाग देवता का आशीर्वाद लेकर देवता की पालकी को जयकारों के साथ टडवाण गांव ले जाया गया जहाँ गांव पहुंचने पर सभी ग्रामीणों ने फूल ,चावल व पैसे चढ़ाकर नाग देवता की डोली को चांदी के 4 छत्र व 2 छत्र गांव के मंदिर के लिए भेंट कर घर परिवार सहित क्षेत्र की खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम के दौरान विशेष पूजा अर्चना भी की गई। वहीं इस दौरान महिलाओं द्वारा ढोल दमाऊं के साथ पारंपरिक वेशभूषा में जमकर नृत्य किया। साथ ही देवता की पालकी को भी नचाया गया। वहीं कार्यक्रम में सभी ध्याणियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया । इस दौरान विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अनेक अतिथियों द्वारा भी शिरकत की गई जिसमें सभी ने गांव की समस्त ध्याणियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जौनपुर की पौराणिक संस्कति आज भी पहाड़ के गांवों में देखने को मिलती है यहां पर छोटा हो या बड़ा कार्यक्रम समी ग्रामीण मिलकर कार्यक्रम को भव्य एवं सफल बनाते है। इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायत बिनाऊ के प्रधान सुरेश रावत , पूर्व डीवीसी अध्यक्ष सुभाष रमोला , सरदार कण्डारी ,पुजारी महेश सेमवाल , सुनील प्रसाद ,सूरत चौहान , रमेश रावत , गम्भीर सिंह सोवत सिंह , महावीर चौहान , सुमेर सिंह जयवीर सिंह , करण कण्डारी , दिनेश खन्ना , अनील धीमान , युद्धवीर सिंह रावत कुंवर सिंह भण्डारी , दीपेन्द्र बिष्ट , शैलेन्द्र सिंह ,आनन्द रावत , उपेन्द्र भण्डारी , बलबीर रावत, दिनेश रतूडी , अरविंद कण्डारी ,सुनील राठौर , मिजान सिंह , सरदार सिंह नेगी , सुरेन्द्र भण्डारी , संजय चौहान , जगजीवन भारती ,चन्द्र देई , कृषनी देवी , मीना देवी , दीपा देवी , रोशनी देवी , बबीता देवी , आरुषि , गुड्डी देवी , पुष्पा देवी , अंकिता , प्रियंका , मंजीता , सुचिता देवी आदि के साथ-साथ सैकड़ो ध्याणियां एवं ग्रामीण मौजूद रहे।