विमानन घोटाला : दिल्ली की अदालत ने आरोपी यास्मीन कपूर को विदेश यात्रा की अनुमति दी

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नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने कॉर्पोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार की करीबी सहयोगी यास्मीन कपूर को 10 जून से 28 जून तक यूरोप की यात्रा करने की अनुमति दी है।

यह मामला उन वार्ताओं से संबंधित है जो कथित तौर पर विदेशी निजी एयरलाइनों का पक्ष लेती थीं और एयर इंडिया को नुकसान पहुंचाती थीं, जो उस समय के सरकारी स्वामित्व वाली वाहक थी, जो अब निजी तौर पर टाटा संस के स्वामित्व में है।

आईएएनएस द्वारा एक्सेस किए गए अदालत के आदेश के अनुसार, यास्मीन कपूर ने कहा कि वह व्यावसायिक उद्देश्यों से 18 दिनों के लिए फ्रांस, इटली, यूनाइटेड किंगडम की यात्रा करना चाहती हैं, क्योंकि उनकी ग्राहकों के साथ कई बैठकें निर्धारित हैं और उन्होंने अदालत की अनुमति मांगी है।

दिसंबर 2019 से नियमित जमानत पर चल रहीं यास्मीन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है।

उन्होंने आवेदन में कहा है कि वह आईडीएफएस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में एक निदेशक हैं। यह कंपनी दक्षिण एशिया क्षेत्र में एक प्रमुख शुल्क-मुक्त ऑपरेटर है, जिसके पास कई शुल्क-मुक्त स्टोर हैं।

यास्मीन की याचिका का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तर्क दिया कि सह-आरोपी तलवार 2017 में दुबई भाग गया था और 31 जनवरी, 2019 को भारत भेजे जाने तक वह पेश नहीं हुआ था।

विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि यह आरोपी भी इसी तरह भाग सकता है। इस अदालत द्वारा संयुक्त अरब अमीरात को जारी किया गया अनुरोध पत्र अभी भी लंबित है।

दूसरी ओर, कपूर के वकील ने तर्क दिया कि आवेदक को पहले भी इस तरह की अनुमति दी गई है और उसने किसी भी अवसर पर स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया है।

वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट के पहले के फैसलों का जिक्र करते हुए तर्क दिया कि विदेश यात्रा का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता का एक मौलिक पहलू है।

दोनों पक्षों की दलीलें लेने के बाद विशेष न्यायाधीश अनु ग्रोवर बालिगा ने 28 मई के आदेश में कपूर को कुछ शर्तो के तहत विदेश जाने की अनुमति दी और यात्रा की सीमित अवधि के लिए उनके खिलाफ जारी एलओसी को निलंबित कर दिया।

अदालत ने आवेदक को किसी भी वित्तीय गतिविधि में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया, जिसका अभियोजन के मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और उसे अतिरिक्त सुरक्षा के रूप में वापस आने पर 2 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा।

इसने उसे उन देशों में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करने और उन देशों के लाइव स्थानों को साझा करने के लिए भी कहा, जहां वह जाती हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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