Uttarakhand : जंगलों में मिलने वाले ये फल, जिनके फायदे जान हो जाएंगे हैरान

0

पहाड़ी क्षेत्रों को प्रकृति का अंश कहा जाता है और प्रकृति के उस अंश में कई ऐसे नायाब फल हैं जिन्हें खाने से हमारे शरीर से कई तरह के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं । उत्तराखंड में भी हजारों ऐसे फल हैं जिनके बारे में हम सही ढंग से जान लें तो हमारे शरीर से कई बीमारियां हमेशा के लिए खत्म हो सकती है ।

डॉक्टरों से लेकर आम लोगों तक हमने हर किसी से सुना है कि फल खाने से हमारे शरीर को बहुत से पौष्टिक तत्व मिलते है जैसे विटामिन,कैल्शियम,आयरन इत्यादि। आज हम आपको उत्तराखंड के कुछ ऐसे ही जंगलों में मिलने वाले अलग-अलग फलों के बारे में बताएंगे जिन्हें खाने के बहुत सारे फायदे हैं ।

1. किलमोड़ा 

किलमोड़ा उत्तराखंड के 1400 से 2000 फीट की ऊंचाई पर मिलने वाला औषधीय फल है । इसका वैज्ञानिक नाम “बरबरिस एरिस्टाटा’ है। इसका पौधा दो से तीन मीटर तक ऊंचा होता है। मार्च-अप्रैल के समय में इसमें फूल खिलने शुरु हो जाते हैं साथ ही अगर हम स्वाद की बात करे तो यह खाने में खट्टे-मीठे लगते है। इस फल को किलमोड़ा, किलमोड़ी और किन्गोड़ के नाम से भी जाना जाता है। 

2. काफल 

काफल को पहाड़ो में फलों का राजा कहा जाता है। काफल के पेड़ काफी बड़े होते है। इसके पेड़ ज्यादातर गढ़वाल, कुमाऊं और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में पाए जाते हैं। आयुर्वेद में इसे कायफल के नाम से जाना जाता है जबकि इसका वैज्ञानिक नाम “बाक्स मिर्टल” है। खाने में इसका स्वाद भी खट्टा मीठा होता है। सिर्फ यह फल ही नही बल्कि इसके पेड़ भी अनेक प्राकृतिक औषधीय गुणों से भरपूर है।

3. हिसालू

हिसालू को हिमालयन रसबेरी कहा जाता है । ये मई-जून यानी जेठ-आसाढ के महीने में रूखी- सूखी धरती में छोटी झाड़ियों में उगने वाला जंगली रसदार फल है। इसे कुछ जगह पर हिंसर या हिंसारु के नाम से भी जाना जाता है। अगर आपका बचपन पहाड़ों मे बीता है तो आपने इसका खट्टा मीठा स्वाद जरुर ही चखा होगा । यह फल औषधीय गुणों से भरपूर है।

4. आडू

आडू फल का उपयोग जैम, जेली और चटनी बनाने में किया जाता है क्योंकि इस फल में जल की मात्रा ज्यादा होती है साथ ही यह फल खाने में मीठा और रसीला होता है। इसका रंग भूरा और हल्का पीला होता है। इस फल में आयरन और पोटेशियम अधिक मात्रा में पाए जाते हैं वहीं इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते है जैसे विटामिन सी, करॉटिनाइड्स और फाइटोकेमिकल्स , जो की सेहत के लिए काफी लाभदायक होते हैं।

5. भमोरा

भमोरा बहुत ही कम पाया जाने वाला फल है। यह हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है इसी वजह से इसे हिमालयन स्ट्रॉबेरी कहा जाता है। हिमालय के साथ- साथ यह फल और भी पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ चीन नेपाल , ऑस्ट्रेलिया आदि में भी पाया जाने वाला फल हैं। यह पेड़ 1000 से 3000 की फीट मी0 ऊँचाई पर पाया जाता है। ये फल खाने में स्वादिष्ट के साथ-साथ औषधीय गुणों से भरपूर हैं।

6. खुबानी

खुबानी को पहाड़ी लोग आमतौर पर चोला भी कहते हैं। खुबानी फल कुमाऊं क्षेत्र के तीन जिलों नैनीताल, अल्मोड़ा एवं पिथौरागढ़ में पाया जाता है हालांकि यह फल अमेरिका द्वारा यहां लाया गया था। खुबानी खाने में शहद की तरह मीठा होता है । आम तौर पर ज्यादातर फल पेड़ों में ही पकते है पर इस फल की खास बात यह है की आप इसे बंद कमरे या कागज में बंद करके भी पका सकते हैं।

उत्तराखंड के जंगलों में फलो की संख्या बहुत है , जिसे खाने के बहुत सारे फायदे है साथ ही कई फलों का उपयोग करके बहुत सी दवाइयां भी बनाई जाती है पर कई बार बाजार में न मिलने की वजह से या फिर इन फलो कि सही जानकारी नही होने का कारण ये फल जंगलों में ही खत्म हो जाते हैं ।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.