मांस की बजाय शाकाहार खाने से कम हो सकता है मधुमेह, हृदय रोग का खतरा: अध्ययन
सैन फ्रांसिस्को, 25 नवंबर (आईएएनएस)। लाल और प्रसंस्कृत मांस जैसे पशु-आधारित भोजन को नट्स या फलियां जैसे पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों के साथ बदलने से हृदय रोग (सीवीडी), टाइप 2 मधुमेह, कोरोनरी हृदय रोग और कुल मिलाकर मृत्यु के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। एक नए अध्ययन में यह पाया गया है।
बीएमसी मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में 37 पूर्व अध्ययनों के परिणामों का विश्लेषण किया गया और इसके निष्कर्षों ने आहार में अधिक शाकाहार को शामिल करने के संभावित स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला।
शोधकर्ताओं ने बताया, “हमारे निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि पशु-आधारित (जैसे, लाल और प्रसंस्कृत मांस, अंडे, डेयरी, पोल्ट्री, मक्खन) की बजाय पौधे-आधारित (जैसे, नट्स, फलियां, साबुत अनाज, जैतून का तेल) खाद्य पदार्थों को अपनाना कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य और किसी भी कारण से होने वाली मृत्यु के मामले में लाभकारी होता है।”
उन्होंने पाया कि रोजाना एक अंडे की जगह नट्स लेने से हृदय रोग की मृत्यु दर कम हो जाती है। मक्खन के स्थान पर जैतून का तेल इस्तेमाल करने से भी ऐसे ही परिणाम प्राप्त हुए।
रोजाना 50 ग्राम प्रसंस्कृत मांस के बदले 28 ग्राम नट्स लेने से कोरोनरी हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है।
दूसरी ओर, अध्ययन में पाया गया कि पोल्ट्री या समुद्री भोजन की जगह नट्स या फलियां खाना अच्छा विचार नहीं है।
इस बात के प्रमाण कम ही थे कि लाल मांस को नट्स या फलियों से बदलने से कोरोनरी हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है।
शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि मक्खन के स्थान पर जैतून का तेल, लाल मांस के स्थान पर नट्स, या रोजाना एक अंडे के स्थान पर नट्स का उपयोग टाइप 2 मधुमेह की आवृत्ति से विपरीत रूप से संबंधित था।
–आईएएनएस
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